Sajid Anjum
Thursday, 23 October 2014
Sunday, 14 September 2014
PM Jan-Dhan Yojna
एक भारतीय की दास्ताँन -
ग्राहक - जन धन में खाता खुलवाना है ।
बैंकर - खुलवा लीजिये ।
ग्राहक - क्या 0 balance में खुल रहा है ?
बैंकर - मन ही मन में - साले पता नहीं है क्या तुझे !! फिर भी , हाँ जी फ्री में खुलवाओ ।
ग्राहक - इसमें सरकार कितना पैसा डालेगी ?
बैंकर - जी अभी तो कुछ पता नहीं ।
ग्राहक - तो मैं ये खाता क्यूँ खुलवाऊं ?
बैंकर - जी मत खुलवाइये ।
ग्राहक - फिर भी सरकार कुछ तो देगी ।
बैंकर - आपको फ्री में ATM मिल जाएगा ।
ग्राहक - जब उसमे पैसे ही नहीं होंगे मैं ATM का क्या करूँगा ।
बैंकर - पैसा डलवाओ भईया ! तुम्हारा खाता है ।
ग्राहक - मेरे पास पैसे होते तो मैं पहले खाता नहीं खुलवा लेता । तुम खाता खोल रहे हो तो तुम डालो न पैसे ।
बैंकर - अरे भाई सरकार खुलवा रही है
ग्राहक - तो क्या ये सरकारी बैंक नहीं है ?
बैंकर - अरे भाई सरकार तुम्हारा insurance free में कर रही है । पूरे 1 लाख रूपए का ।
ग्राहक - खुश होते हुए , अच्छा तो ये 1 लाख मुझे कब मिलेंगे ?
बैंकर - गुस्से में , जब आप मर जाओगे तब आपकी बीवी को मिलेंगे ।
ग्राहक - चौंक कर , तो तुम लोग मुझे मारना चाहते हो ! और मेरी बीवी से तुम्हारा क्या मतलब है ?
बैंकर - अरे भईया , ये हम नहीं सरकार चाहती है कि...........
ग्राहक - बिच में बात काटते हुए तुम्हारा मतलब सरकार मुझे मारना चाहती है !
बैंकर - अरे यार मुझे नहीं पता ! तुम्हे खाता खुलवाना है क्या ?
ग्राहक - नहीं पता का क्या मतलब । मुझे पूरी बात बताओ ।
बैंकर - अरे अभी तो मुझे भी पूरी बात का नहीं पता .......मोदी ने कहा है खाता खोलने को तो हम खोल रहे हैं ।
ग्राहक - अरे जब पता ही नहीं तो यहाँ क्यूँ बैठे हो ? (जन धन का poster दिखाते हुए ) अच्छा ये 5000 का overdraft क्या है ?
बैंकर - मतलब तुम अपने खाते से 5000 निकाल सकते हो ।
ग्राहक -बीच में बात काटते हुए , ये हुई ना बात । यर लो आधार कार्ड , 2 फोटो और निकालो 5000!
बैंकर - अरे भई , ये पैसे 6 महीने बाद मिलेंगे ।
ग्राहक - तो क्या 6 महीने तुम मेरे पैसों को अपने काम में लोगे ?
बैंकर - भईया ये रूपए ही 6 महीने बाद आयेंगे ।
ग्राहक - झूठ मत बोलो.......पहले बोले कुछ नहीं मिलेगा ....फिर कहा ATM मिलेगा ....फिर बोले insurance मिलेगा .....फिर बोलते हो 5000 रुपया मिलेगा ....फिर कहते ही की नहीं मिलेगा .....तुम्हे कुछ पता भी है या नहीं ?
बैंकर बेचारा - आयो अम्मा , कानून की कसम , भारत माता की कसम सच कहता हूँ मोदी जी ने अभी कुछ नहीं बताया .....तुम चले जाओ । खुदा की कसम , तुम जाओ । मेरी सैलरी इतनी नहीं की मैं एक साथ " ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक " का इलाज करवा सकूँ । LD
ग्राहक - जन धन में खाता खुलवाना है ।
बैंकर - खुलवा लीजिये ।
ग्राहक - क्या 0 balance में खुल रहा है ?
बैंकर - मन ही मन में - साले पता नहीं है क्या तुझे !! फिर भी , हाँ जी फ्री में खुलवाओ ।
ग्राहक - इसमें सरकार कितना पैसा डालेगी ?
बैंकर - जी अभी तो कुछ पता नहीं ।
ग्राहक - तो मैं ये खाता क्यूँ खुलवाऊं ?
बैंकर - जी मत खुलवाइये ।
ग्राहक - फिर भी सरकार कुछ तो देगी ।
बैंकर - आपको फ्री में ATM मिल जाएगा ।
ग्राहक - जब उसमे पैसे ही नहीं होंगे मैं ATM का क्या करूँगा ।
बैंकर - पैसा डलवाओ भईया ! तुम्हारा खाता है ।
ग्राहक - मेरे पास पैसे होते तो मैं पहले खाता नहीं खुलवा लेता । तुम खाता खोल रहे हो तो तुम डालो न पैसे ।
बैंकर - अरे भाई सरकार खुलवा रही है
ग्राहक - तो क्या ये सरकारी बैंक नहीं है ?
बैंकर - अरे भाई सरकार तुम्हारा insurance free में कर रही है । पूरे 1 लाख रूपए का ।
ग्राहक - खुश होते हुए , अच्छा तो ये 1 लाख मुझे कब मिलेंगे ?
बैंकर - गुस्से में , जब आप मर जाओगे तब आपकी बीवी को मिलेंगे ।
ग्राहक - चौंक कर , तो तुम लोग मुझे मारना चाहते हो ! और मेरी बीवी से तुम्हारा क्या मतलब है ?
बैंकर - अरे भईया , ये हम नहीं सरकार चाहती है कि...........
ग्राहक - बिच में बात काटते हुए तुम्हारा मतलब सरकार मुझे मारना चाहती है !
बैंकर - अरे यार मुझे नहीं पता ! तुम्हे खाता खुलवाना है क्या ?
ग्राहक - नहीं पता का क्या मतलब । मुझे पूरी बात बताओ ।
बैंकर - अरे अभी तो मुझे भी पूरी बात का नहीं पता .......मोदी ने कहा है खाता खोलने को तो हम खोल रहे हैं ।
ग्राहक - अरे जब पता ही नहीं तो यहाँ क्यूँ बैठे हो ? (जन धन का poster दिखाते हुए ) अच्छा ये 5000 का overdraft क्या है ?
बैंकर - मतलब तुम अपने खाते से 5000 निकाल सकते हो ।
ग्राहक -बीच में बात काटते हुए , ये हुई ना बात । यर लो आधार कार्ड , 2 फोटो और निकालो 5000!
बैंकर - अरे भई , ये पैसे 6 महीने बाद मिलेंगे ।
ग्राहक - तो क्या 6 महीने तुम मेरे पैसों को अपने काम में लोगे ?
बैंकर - भईया ये रूपए ही 6 महीने बाद आयेंगे ।
ग्राहक - झूठ मत बोलो.......पहले बोले कुछ नहीं मिलेगा ....फिर कहा ATM मिलेगा ....फिर बोले insurance मिलेगा .....फिर बोलते हो 5000 रुपया मिलेगा ....फिर कहते ही की नहीं मिलेगा .....तुम्हे कुछ पता भी है या नहीं ?
बैंकर बेचारा - आयो अम्मा , कानून की कसम , भारत माता की कसम सच कहता हूँ मोदी जी ने अभी कुछ नहीं बताया .....तुम चले जाओ । खुदा की कसम , तुम जाओ । मेरी सैलरी इतनी नहीं की मैं एक साथ " ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक " का इलाज करवा सकूँ । LD
Wednesday, 21 August 2013
Why Girls Feel Safe on Campus
Jamia Millia Islamia is a university that contributes to society by countering several societal issues, of which gender inequality is one. As a university, it not only sets itself as an eminent educational institution, but is also among those working to empower women.
As a girl studying in Jamia, I feel safe on the campus because it has an efficient security system. Security guards are placed at all entry gates to keep out the anti-social elements. Any kind of misdemeanor is immediately looked upon. Our former vice-chancellor, Najeeb Jung, had even appointed guards to walk girls back to their hostels because of the complaints of harassment faced by girls on the street on their way back to the hostels. The security guards take immediate action when they encounter cases of misbehaviour. We girls free safe to move about anywhere on campus.
Unlike several other institutions, Jamia is very sensitive towards its girl students. It provides a strong sense of equality and freedom to girls. Jamia regularly organises lectures and discussions on issues related to women, and invites eminent personalities to talk about those issues. To offer safe accommodation to more girls in the future, Jamia is building a new hostel for girls for which Sonia Gandhi was invited to lay the foundation.
It does a remarkable job in educating and imparting the very basic principles of gender equality and sensitivity which have become the necessity of today’s world. These principles and teachings play an important role in making men better human beings.
It strengthens and promotes self-confidence in girls, and encourages them to stand as strong competitors against those who underestimate their abilities. Because of this we have seen girls outshine boys in several competitions. To provide opportunities to Muslim girls and instill in them the will to educate themselves, Jamia has arranged for special quota for Muslim girls.
Parents feel secure in sending their daughters to study at Jamia in comparison to sending them to other universities. My parents too feel relieved because Jamia provides safety for girls. I believe Jamia contributes to society by promoting women empowerment and fostering male students who will stand by women in their hour of need, instead of giving in to impertinence. Jamia teaches us to stand shoulder to shoulder with boys and to not feel inferior to them. As so many others, I too take pride in studying in this renowned institution.
[Hera Khan (2014) is a graduate student in the Department of English. She can be reached via email at: khanhera.12@gmail.com]
Source: Jamia Journal
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