Sunday, 27 January 2013
DU, IGNOU, Jamia V-Cs to share stage
The book titled “Introduction to Wavelets with Applications” authored
by Prof. Khalil Ahmad, Dean, Faculty of Natural Sciences, Jamia Millia
Islamia (JMI) shall be released by Prof. H.P. Dikshit, an eminent
Mathematician and Former Vice-Chancellor of Indira Gandhi National Open
University (IGNOU) in a Book Release Function at Jamia on January 29 at
about 3 PM in Edward Said Hall, Khayban-e-Ajmal, JMI.
Prof. H.P. Dikshit shall be the Chief Guest of the function and Prof. Dinesh Singh, Vice-Chancellor, University of Delhi will be the Guest of Honour on this occasion.
Najeeb Jung, Vice-Chancellor, Jamia Millia Islamia shall preside over the programme, according to university release.
Prof. H.P. Dikshit shall be the Chief Guest of the function and Prof. Dinesh Singh, Vice-Chancellor, University of Delhi will be the Guest of Honour on this occasion.
Najeeb Jung, Vice-Chancellor, Jamia Millia Islamia shall preside over the programme, according to university release.
Picture: Delhi Metro Comes to Jamia
About the Pictures: Delhi Metro’s work is in full swing
at Jamia. Jamia boulevard has been completely transformed in the past
couple of months. And by the looks of it, holes are being dug in the
ground for the pillars to be placed; which settles the debate whether
the metro will be underground or overground; it is certainly going to be
overground.
भारत ने पानी के भीतर के-5 बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया
परमाणु त्रयी क्षमता पूरा करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए भारत ने
बंगाल की खाड़ी में पानी के नीचे स्थित एक प्लेटफार्म से करीब 1500
किलोमीटर की मारक क्षमता एवं परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम एक बैलेस्टिक
मिसाइल का सफल परीक्षण किया.
परमाणु त्रयी पूरा होने से भारत परमाणु आयुध ले जाने वाली मिसाइलें जमीन, हवा और समुद्र से दागने में सक्षम हो जाएगी. अंडरवाटर श्रेणी में यह पहली मिसाइल है जिसका विकास पूर्ण रूप से भारत की ओर से किया गया है. इस मिसाइल को पनडुब्बी से भी दागा जा सकता है.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख वी के सारस्वत ने कहा कि मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाली के-5 बैलेस्टिक मिसाइल का पानी के नीचे स्थित पैंटून से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया और परीक्षण के सभी मापदंड हासिल हुए.
अधिकारियों ने कहा कि इस मिसाइल के 10 से अधिक परीक्षण पहले हो चुके हैं. के-5 का का परीक्षण आखिरी था. अमेरिका, फ्रांस, रूस और चीन सहित कुछ चुनिंदा देशों के पास ही इस तरह की मिसाइल क्षमता है.
सारस्वत ने कहा कि के.5 मिसाइल के विकास का चरण पूरा हो चुका है और यह विभिन्न प्लेटफार्म पर तैनात करने के लिए तैयार है. इसमें करीब छह हजार टन वजनी स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत भी शामिल है जिसका निमार्ण जारी है. के-5 अंडरवाटर मिसाइलों के उस विशिष्ट समूह का हिस्सा है जिसका विकास डीआरडीओ भारतीय सामरिक बलों के लिए पानी के नीचे स्थित प्लेटफार्म से दागने के लिए कर रहा है.
के-5 बैलेस्टिक मिसाइल को बीओ-5 के नाम से भी जाना जाता है. इसका विकास डीआरडीओ के हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने किया गया है.
यह मिसाइल भारत को पानी के नीचे से परमाणु मुखास्त्र से लैस मिसाइल दागने की क्षमता हासिल करने में मदद करेगा. अभी तक भारत के पास जमीन और आकाश स्थित प्लेटफार्म से ही परमाणु हथियार दागने की क्षमता है.
भारत पानी के नीचे से दागे जाने वाली दो और मिसाइलों का विकास कर रहा है जिसमें के-15 और ब्रह्मोस शामिल है. इन दोनों मिसाइलों की मारक क्षमता क्रमश: 750 किलोमीटर और 290 किलोमीटर है.
भारत ने गत 19 अप्रैल को परमाणु मुखास्त्र ले जाने में सक्षम अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था. इसके साथ ही भारत यह क्षमता हासिल कर विश्व के कुछ चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया था.
मिसाइल की मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर से अधिक है. इससे चीन भारत की मारक क्षमता के दायरे में आ गया है. यह मिसाइल भारत को पूर्वी यूरोप, पूर्वी अफ्रीका और आस्ट्रेलियाई तट के लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्रदान करता है.
परमाणु त्रयी पूरा होने से भारत परमाणु आयुध ले जाने वाली मिसाइलें जमीन, हवा और समुद्र से दागने में सक्षम हो जाएगी. अंडरवाटर श्रेणी में यह पहली मिसाइल है जिसका विकास पूर्ण रूप से भारत की ओर से किया गया है. इस मिसाइल को पनडुब्बी से भी दागा जा सकता है.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) प्रमुख वी के सारस्वत ने कहा कि मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाली के-5 बैलेस्टिक मिसाइल का पानी के नीचे स्थित पैंटून से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया और परीक्षण के सभी मापदंड हासिल हुए.
अधिकारियों ने कहा कि इस मिसाइल के 10 से अधिक परीक्षण पहले हो चुके हैं. के-5 का का परीक्षण आखिरी था. अमेरिका, फ्रांस, रूस और चीन सहित कुछ चुनिंदा देशों के पास ही इस तरह की मिसाइल क्षमता है.
सारस्वत ने कहा कि के.5 मिसाइल के विकास का चरण पूरा हो चुका है और यह विभिन्न प्लेटफार्म पर तैनात करने के लिए तैयार है. इसमें करीब छह हजार टन वजनी स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत भी शामिल है जिसका निमार्ण जारी है. के-5 अंडरवाटर मिसाइलों के उस विशिष्ट समूह का हिस्सा है जिसका विकास डीआरडीओ भारतीय सामरिक बलों के लिए पानी के नीचे स्थित प्लेटफार्म से दागने के लिए कर रहा है.
के-5 बैलेस्टिक मिसाइल को बीओ-5 के नाम से भी जाना जाता है. इसका विकास डीआरडीओ के हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने किया गया है.
यह मिसाइल भारत को पानी के नीचे से परमाणु मुखास्त्र से लैस मिसाइल दागने की क्षमता हासिल करने में मदद करेगा. अभी तक भारत के पास जमीन और आकाश स्थित प्लेटफार्म से ही परमाणु हथियार दागने की क्षमता है.
भारत पानी के नीचे से दागे जाने वाली दो और मिसाइलों का विकास कर रहा है जिसमें के-15 और ब्रह्मोस शामिल है. इन दोनों मिसाइलों की मारक क्षमता क्रमश: 750 किलोमीटर और 290 किलोमीटर है.
भारत ने गत 19 अप्रैल को परमाणु मुखास्त्र ले जाने में सक्षम अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था. इसके साथ ही भारत यह क्षमता हासिल कर विश्व के कुछ चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया था.
मिसाइल की मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर से अधिक है. इससे चीन भारत की मारक क्षमता के दायरे में आ गया है. यह मिसाइल भारत को पूर्वी यूरोप, पूर्वी अफ्रीका और आस्ट्रेलियाई तट के लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्रदान करता है.
Saturday, 26 January 2013
Qurbaan hue purkhe aazaadi ko paane me'n.
Mehnat hame'n karni hai ab isko bachaane me'n.
Haq to jatana aata hai,farz bhi nibhae'n.
Karte hai'n aana kaani kyu'n farz nibhaane me'n.
Murde ko jalaya to dil dard se bhar aaya.
Logo'n ko mazaa aaya zindo'n ko jalaane me'n.
Aapas ka bair chhodo,BHARAT ko ab n'a todo.
Sadiya'n lagee'n hai'n hamko tahzeeb banaane me'n.
Miljul ke ham taraqqee me'n hath agar bataae'n.
Lahraega Tiranga phir saare zamaane me'n.
Gandhi ne kaha Hinsa se kuchh bi kiya haasil.
To waqt n'a lagega us cheez ke jaane me'n.
Tum bhejte rahoge,ham maarte rahe'ge.
Barbaad ho'nge dono hi khoon bahaane me'n.
Dil me'n dagha nahi'n hai to dil se dil milaao.
Uljhe rahe'n n'a ham tum hatho'n ko milaane me'n.
Apne hi bhaaiyo'n se mu'nh mod ke n'a baitho. SAJID sharm kaisi apno'n ko manaane me'n
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